Shodashi Secrets

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

Just about every fight that Tripura Sundari fought is usually a testament to her may well and also the protective mother nature on the divine feminine. Her legends continue to inspire devotion and are integral on the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.

Within the context of electrical power, Tripura Sundari's natural beauty is intertwined along with her power. She is not just the symbol of aesthetic perfection but also of sovereignty and overcome evil.

Considering the fact that one of his adversaries were Shiva himself, the Kama gained substantial Shakti. Lacking discrimination, The person began generating tribulations in all of the three worlds. With Kama acquiring much power, and Using the Devas dealing with defeat, they approached Tripura Sundari for aid. Taking up all her weapons, she charged into struggle and vanquished him, Therefore preserving the realm in the Gods.

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षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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